Friday, 22 May 2020
छात्र और अनुशासन- हिंदी निबंध
। छात्र और अनुशासन। छात्र यह शब्द सुनते ही सामने आता है बेफिक्री वाला जीवन जिसमें पढ़ाई के अलावा किसी चीज की फिक्र नहीं होती। पाठशाला के आगे से गुजरता हर व्यक्ति यही सोच कर मुस्कुराता है " कि कितना सुंदर है मनुष्य जीवन का यह दौर" । लेकिन हर छात्र के जीवन में बेफिक्री के साथ-सथ होता है " अनुशासन" । " अनुशासन" का सबक छात्रों अपने शालेय जीवन में सबसे पहले सीखता है और यही सबक उसका पूरा जीवन सवारता है । छात्र के जीवन में अनुशासन का महत्व उतना ही है जितना कि शिक्षा का। अनुशासन की वजह से ही हर छात्र अपने शालेय जीवन के हर पायदान को बड़ी सरलता से पार कर जाता है। वक्त का, सफाई का, पढ़ाई का महत्व, सलीके से बातचीत और बर्ताव का महत्व अनुशासन के बिना समझना मुश्किल है। अक्सर देखा गया है की " खेलकूद में, परीक्षा की तैयारी में, संगीत के रियाज में अनुशासन पालने वाले छात्र अधिक प्रगतिशल रहते हैं। छात्रावास एक ऐसा समय है जहां नए तरीके नए दोस्त और नई आदतों का जुनून सवार रहता है। जिंदगी के ऐसे नाजुक समय में अनुशासन ही है जो गुरु की भांति मार्गदर्शन कर छात्रों को सही राह चुनने की प्रेरणा देता है। धन्यवाद
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment