Thursday, 21 May 2020

वृक्ष लगाओ देश बचाओ- हिंदी निबंध

                         वृक्ष लगाओ देश बचाओ                                                       वृक्ष है तो हम हैं। जी हां, वृक्ष और मानव कााा बहुत पुराना संबंध है। वनों में रहना, वृक्षों पर अपना घर बनाना, वृक्षों के कंदमूल और फलों का सेवन करनाा इससे पता चलतााा है कि हमारे पूर्वज वृक्षों पर कितने निर्भर थे। आज भी स्थिति वही है, पर हम मनुष्य इसे मानना नहीं चाहते। वृक्ष हमारे रक्षक हैं। आयुर्वेद की धरोहर हमें वृक्षों सेे ही मिली है, हमारी ग्रंथों की रचना भी वही हुई है। अब जब हमें आधुनिकता ने घेर लियाा है तब हमें यही वृक्ष अखड़ने लगेे हैं। अंधाधुंध कटाई के कारण जंगल साफ हो रहे हैं, धरती मां बेसहाराा हो रही है, प्राणियोंंं के घर छीन रहे हैं और चारों तरफ हरियाली वीरानीी में बदल रहीी है। अकालीन वर्षा,  अकाल, उत्पादन में कटौती,  नदियों में बाढ़ और दूषित वायुमंडल यह सब वृक्षों को काटने का नतीजा है। लेकिन वह कहते हैं ना " देर आए दुरुस्त आए" अब कई मनुष्य वर्गों को अपनी विकट परिस्थिति का अनुमान हो चला है। वृक्षारोपण की जोत जली है और चारों फैल रही है। वृक्ष है तो शुद्ध हवा है और शुद्ध हवा है तो सशक्त हम हैं इस बात का एहसास अब सबको हो चला है। वनों की तादाद बढ़ेगी तभी जमकर वर्षा होगी और हमारा संसार धन-धान्य जल और शुद्ध हवा से परिपूर्ण होगा। वृक्ष लगाकर हम धरती को नहीं स्वयं को ही बचा रहे हैं। धन्यवाद

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